महाराजा कमल सिंह का निधन एक युग का अंत
शाहाबाद के प्रथम लोकसभा सांसद महाराजा बहादुर कमल सिंह का निधन एक युग का अंत है। जब देश आजादी के जंजीरों से मुक्त हुआ तो इस देश में लोकतंत्र की स्थापना हुई|
बक्सर अप टू डेट न्यूज़ :- शाहाबाद के प्रथम लोकसभा सांसद महाराजा बहादुर कमल सिंह का निधन एक युग का अंत है। जब देश आजादी के जंजीरों से मुक्त हुआ तो इस देश में लोकतंत्र की स्थापना हुई और लोकतंत्र को पूरी तरह से बहाल करने के लिए सन् 1952 में लोकसभा का प्रथम चुनाव हुआ ।
लोकसभा के प्रथम चुनाव में शाहाबाद नॉर्थ से सांसद बनने का गौरव महाराजा बहादुर श्रीमान कमल सिंह को प्राप्त हुआ । जो 1952 से 1962 तक लोकसभा के सदस्य रहे। भारत गांवों का देश है। यहां कभी छोटी-बड़ी लगभग 600 से ज्यादा रियासतें हुआ करती थी। उन्हीं में से एक था बिहार के शाहाबाद जिले का प्रसिद्ध डुमरांव स्टेट और इसके आखिरी महाराजा बहादुर कमल सिंह हुए ।
जिन्होंने कई ऐसा काम किया जो आम जनमानस के लिए बहुत ही लाभकारी एवं ऐतिहासिक साबित हुआ । 1952 के प्रथम संसदीय चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के रुप में महाराजा बहादुर कमल सिंह ने जीत दर्ज की थी । उस समय वो लोकसभा के सबसे कम उम्र के सांसद थे जो मात्र 26 साल के उम्र में ही सांसद चुन लिए गए थे । सदन में पहुंचने के बाद कमल सिंह की कार्यशैली ने इन्हें तुर्क नेता के रुप में तो स्थापित किया ही इनकी एक अलग छवि निखरकर सामने आई, वो थी आम जनता की रहनुमाई वाली छवि ।[metaslider id=2268]
आज के नेताओं जैसा नही थे महाराज कमल सिंह
आज की तारीख में सभी नेता घोषणा पर घोषणा करते हैं। चुनावी रणनीति के अनुसार बयान देते हैं । मगर इन सभी से इतर हैं महाराजा बहादुर कमल सिंह जिन्होंने कई स्कूलों, कॉलेजों एवं अस्पतालों की स्थापना की, वहीं उन्होंने कई नहर, सरोवर और तालाब बनवाए । जिससे इस इलाके में रहने वाले लोगों को काफी सुविधाएं मिलती है । लोगों की उच्च शिक्षा, स्वास्थ एवं विकास के लिए सदैव सक्रिय रहे तथा उसके लिए कई उच्च संस्थानों का निर्माण किया ।
उन्होंने इन संस्थानों के निर्माण के लिए अपनी कई कीमती जमीन भी दान में दे दी । जिसमें बक्सर महर्षि विश्वामित्र महाविद्यालय डुमराँव राज हाई स्कुल महारानी उषा रानी बालिका उच्च विद्यालय भोजपुर जिले के आरा का महाराजा कॉलेज की भूमि, जैन कॉलेज के लिए दान दी गई भूमि तथा विश्व स्तरीय कृषि महाविद्यालय डुमरांव में दान की गई भूमि उत्तरप्रदेश के बलिया मे वीर कुँवर सिंह महाविद्यालय की भूमि आदि है ।
महाराजा बहादुर कमल सिंह ने एनएच-84 पर स्थित प्रतापसागर में बिहार के इकलौते टीबी अस्पताल मेथोडिस्ट हॉस्पिटल की स्थापना के लिए 52 बिगहा भूमि दान में दिया । इसके अलावे विक्रमगंज (रोहतास) का अस्पताल, डुमरांव में राज अस्पताल एवं पशु चिकित्सालय, वहीं डुमरांव में स्थित राज उच्च विद्यालय, राज प्रयाग संस्कृत उच्च विद्यालय, महारानी उषा रानी बालिका उच्च एवं मध्य विद्यालय का भी इन्होंने निर्माण किया । अथवा जमीन दान में दी ।
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